Home News Point 8 राज्यों के रंगकर्मियों को सर्वश्रेष्ठ थिएटर प्रमोटर अवार्ड मिला।

8 राज्यों के रंगकर्मियों को सर्वश्रेष्ठ थिएटर प्रमोटर अवार्ड मिला।

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रोहतक। 27 मार्च। राजस्थानीय संस्थान हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (हिपा) द्वारा आज रोहतक में उत्तर भारत के 8 राज्यों, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब के एक रंगकर्मी को “देवेंद्र त्रिखा सबसे अच्छा थिएटर प्रमोटर अवार्ड” से सम्मानित किया गया। इस कड़ी में पहला अवार्ड वर्ष 2022 के लिए हरियाणा से मनीष जोशी, दिल्ली से दिनेश अहलावत, हिमाचल प्रदेश के हर सिंह ठाकुर, जम्मू एंड कश्मीर से मुश्ताक काक, राजस्थान से देशराज मीणा, चंडीगढ़ से सुदेश शर्मा, पंजाब से गोपाल शर्मा और उत्तराखंड से महेश नारायण को विश्व नाटक दिवस के अवसर पर 27 मार्च को रोहतक के जे पी इंटरनेशनल स्कूल में प्रदान किया गया। पुरस्कार के रूप में एक प्रशस्ति पत्र, एक अंग वस्त्र एक मोमेंटो और 11,000 रुपए नकद दिए गए।

होपा के अध्यक्ष और जानेमाने थिएटर प्रमोटर विश्वदीपक त्रिखा ने यह जानकारी दी, “रंगकर्मी आज के दिन कितना मुश्किल हो गया है इसकी आशंका इसी बात से लगाई जा सकती है कि छोटे बड़े शहरों में रंगकर्म करने वाले तो बहुत हैं लेकिन नाटक देखने वाले बिल्कुल ही नादारद हैं। कई जगहों पर कॉम्पिटिशन में भी देखा है कि केवल दिखावा ही रंगशाला में दर्शक होते हैं। आज अगर थिएटर की जरूरत है तो वह कला प्रमोटर्स की तरह है कि थिएटर को प्रमोट करने वाले की। “

उन्होंने कहा कि हर शहर में पांच-सात ऐसे समूह मौजूद हैं जो नाटक के लिए बहुत ही जुनूनी हैं। वे समय-समय पर नए नाटक तैयार करते हैं। उन नाटकों के निर्देशन में भी मेरे दिमाग का घोड़ा दौड़कर उसे सुंदर बनाने में कोई कसर नहीं रखता। लेकिन ड्रामा का मंचन करने के लिए 50/60 हजार का खर्चा आता है और रंगकर्मियों के लिए इतना पैसा जुटाना बहुत मुश्किल होता है। वे मन मसोस के रह जाते हैं और उस नाटक का मंचन नहीं पाते। ऐसे में रंगकर्म प्रमोटर ही उन्हें मंच पर लाते हैं।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स रोहतक ने अपने यहां वीकली ड्रामा मंचन लुक की शुरुआत की। हर रविवार को एक नए ड्रामा का मंचन संलग्न किया जाता है, जिसमें ऐसे ही लोगों को मंच की सुविधा मुफ्त दी जाती है। साथ में उनका आतिथ्य खर्च भी किया जाता है। मेरा मानना ​​है कि हर शहर में ऐसा व्यक्ति होना बहुत जरूरी है, जो अपना पर्चा भरने वाले रंग भरने को मंच की सुविधा प्रदान कर सकता है।

 

त्रिखा ने बताया कि हिपा ने इस साल “देवेंद्र त्रिखा बेस्ट थिएटर प्रमोटर अवार्ड” देने का फैसला लिया था। जो किसी भी राज्य के किसी भी ऐसे रंगकर्मी/रंगप्रेमी/रंगसंवर्धक को दिया जाएगा जो रंग भरने को हर तरह की सुविधा प्रदान करने में बहुत ही प्रशंसनीय कार्य करेगा। हमने देखा है कि सच में ऐसे कुछ लोग हैं जो आज भी जी जान से रंगकर्म को बढ़ावा देने के लिए अपनी हर संभव कोशिश करते हैं।

 

त्रिखा के अनुसार, अवार्ड के लिए विनियमित चर कमेटी ने हरियाणा के आस-पास के आठ राज्यों, जैसे कि दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब में बहुत अधिक ध्यान दिया। कमेटी ने अच्छी तरह से मंथन करके हरियाणा से मनीष जोशी, दिल्ली से दिनेश अहलावत, हिमाचल प्रदेश से केहर सिंह ठाकुर, जम्मू प्रदेश और कश्मीर से मुश्ताक काक, राजस्थान से देशराज मीणा, पंजाब से गोपाल शर्मा और उत्तराखंड से महेश नारायण को अवार्ड के लिए उपयुक्त पाया गया। यह पुरस्कार इन्हें वर्ष 2022 की उपलब्धियां पर मिला है। इसी क्रम को जारी रखते हुए 27 मार्च 2024 को उन व्यक्तियों को नामांकित किया जाएगा 2023 की चयनित रंग प्रोत्साहन के क्षेत्र में अनुकंपा होगा। हर साल विश्व नाटक दिवस पर यह पुरस्कार प्रदान किया गया। समरोह में कला विभाग के सांस्कृतिक विभाग की अधिकारी तान्या चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की एवं जगबीर राठी के निदेशक युवा कल्याण विभाग एम डी यू की अध्यक्षता की।

 

इस अवसर पर विश्व दीपक त्रिखा, अविनाश सैनी, सुभाष नागरा, अनिल शर्मा, यतीन वाधवल, गुलाब सिंह, कपिल सहगल, संपूर्ण बागड़ी, आर के रोहिल्ला, संजय बाली, आर के रोहिल्ला, राजीव मालिक आदि उपस्थित रहे

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