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लेखक आमजन के संघर्षों में साथ रहें- डॉ हरविंदर सिंह

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डॉ हरविंदर सिंह को लेखन क्षेत्र में निरंतर सक्रियता एवं लेखक संस्थाओं में उनके अनथक नेतृत्व के लिए पंजाबी लेखक सभा, सिरसा द्वारा सम्मानित किया गया।

लेखक का दायित्व है कि वह अपना लेखनकर्म करते हुए आमजन के संघर्षों में शामिल रहे। जब समाज में संकट का दौर हो तो लेखक अपने लेखन को स्थगित करने की कीमत पर भी अवाम के साथ खड़ा होने का साहस दिखाएं।’ ये शब्द डॉ हरविंदर सिंह ने पंजाबी लेखक सभा, सिरसा द्वारा उनके सम्मान आयोजित ‘साहित्यिक कार्यक्रम’ के प्रथम सत्र में कहे। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए डॉ हरविंदर सिंह ने कहा कि जनपक्षधरता लेखन की अनिवार्य शर्त है। लेखक अपने समय के सामाजिक आंदोलनों से निर्लेप रहकर रचनाकर्म नहीं कर सकता।


पंजाबी लेखक सभा,सिरसा के महासचिव सुरजीत सिरड़ी ने बताया कि गत दिनों पंजाबी साहित्य अकाडमी,लुधियाना के चुनाव सम्पन्न हुए हैं। देश-विदेश के लेखकों में प्रतिष्ठित इस संस्था के चुनाव में डॉ हरविंदर सिंह को उपप्रधान चुना गया है। यह हरियाणा एवं पंजाब के लेखकों के लिए सुकून देने वाली बात है।


पंजाबी लेखक सभा,सिरसा द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के आरंभ में इशनजोत ने डॉक्टर हरविंदर सिंह की कविता प्रस्तुत की। ततपश्चात संस्था के अध्यक्ष परमानंद शास्त्री ने उपस्थितजन का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रथम सत्र में डॉ हरविंदर सिंह को लेखन क्षेत्र में निरंतर सक्रियता एवं लेखक संस्थाओं में उनके अनथक नेतृत्व के लिए पंजाबी लेखक सभा, सिरसा द्वारा सम्मानित किया गया।
दूसरा सत्र अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित रहा। प्रबुद्ध चिंतक स्वर्ण सिंह विर्क ने ‘बदलते परिवेश में महिलाओं की स्थिति’ विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने महिलाओं की इस हालत के लिए धार्मिक,सामाजिक,राजनीतिक कारणों को रेखांकित किया। स्वर्ण सिंह विर्क ने जोर देकर कहा कि बेशक बदलते परिवेश में औरतें हिम्मत जुटाकर घर की चारदीवारी से बाहर निकल रही हैं लेकिन हमारा सामाजिक परिवेश अब भी उनके प्रति उदार नहीं है।
इस विषय पर चर्चा को प्रो. प्रीति, डॉ हरमीत कौर, डॉ हरविंदर कौर ने आगे बढ़ाया। हरजीत देसू मलकाना, अमरजीत, सुखदेव ढिल्लों, सुरजीत सिरड़ी, आस्था, हरविंदर कौर ने महिला दिवस को समर्पित कवितापाठ किया। इस अवसर पर प्रो लखवीर सिंह, डॉ जोगिंदर सिंह, अरवेल सिंह विर्क, जसवीर डिंग, कुलवंत सिंह अनीश कुमार, सुशील पुरी, सुरजीत रेणु, हरभजन बेदी आदि ने भी अपने विचार रखे तथा डॉ हरविंदर सिंह को साहित्य अकाडमी, लुधियाना का उपप्रधान चुने जाने पर मुबारकवाद दी।
कार्यक्रम के अंत में प्रगतिशील लेखक संघ सिरसा के पूर्वप्रधान रमेश शास्त्री ने मरहूम कवि संत राम उदासी की पंक्तियों ‘तू मघदा रहीं वे सूरजा कम्मियां दे वेहड़े’ के साथ सभी का आभार व्यक्त किया।

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