Home News Point बेटे भाग्य से मिलते हैं और बेटियां सौभाग्य से मिलती हैं: भसीन आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रो. कैलाश भसीन की पुस्तक समर्पण को अर्पण का शानदार विमोचन

बेटे भाग्य से मिलते हैं और बेटियां सौभाग्य से मिलती हैं: भसीन आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रो. कैलाश भसीन की पुस्तक समर्पण को अर्पण का शानदार विमोचन

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श्रीगंगानगर। आरएसएस के क्षेत्रीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य प्रो. कैलाश भसीन के 82वें जन्मदिन पर उनकी पुस्तक समर्पण को अर्पण का मुकेश ओडिटोरियम में शानदार विमोचन किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि के रूप में क्षेत्रीय संघ चालक उतरक्षेत्र सीताराम व्यास, विजयनंद जी, प्रांत प्रचारक चितौड़ प्रांत, डॉ. चारू कालरा, श्रीमती विपल बतरा उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रो. कैलाश भसीन की पुत्री डॉ. चारू कालरा की पुस्तक अन्तर्द्वंद्व और नातिन सुकृति कालरा की पुस्तक ब्रोकन आई का भी शानदार तरीके विमोचन किया गया। इस मौके पर प्रो. कैलाश भसीन ने अपने स्वागत-अभिनंदन से अभिभूत होेते हुये कहा कि मै इतनी तवज्जो का तो मोहताज नहीं था, शायद सरकार ने मुझे पहचान लिया। श्री भसीन ने आये हुये सभी गन्यमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि मेरी बेटियों ने मेरी जीवन यात्रा को पुस्तक का रूप दिया है। मैने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं अपनी जीवन यात्रा को कभी पुस्तक का रूप दे पाऊंगा। कई मित्र कहते थे कि आपके जीवन पर पुस्तक लिखो, लेकिन मैने इस संबंध में कुछ नहीं किया। जब यह बात मेरी बेटी चारू को पता चली तो चारू ने इसकी शुरूआत कर दी। मेरी दाहिती सुकृति ने 7वीं कक्षा से ही कविता लिखना शुरू कर दिया। प्रो. भसीन ने एक गीत गाकर सभी को भाव विभोर कर दिया।

इससे पहले विशिष्ठ अतिथि क्षेत्रीय संघ चालक उतरक्षेत्र सीताराम व्यास,विजयनंदन जी प्रांत प्रचारक चितौड़ प्रांत ने अपने विचार रखे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि यह पूरा कार्यक्रम ईश्वर की मर्जी से हुआ है। प्रो. कैलाश भसीन जी का पूरा जीवन संघर्ष पूर्ण रहा है। इनके हर संघर्ष पर एक पुस्तक लिखी जा सकती है। इनके जीवन से हम सभी को प्रेरणा मिलती है। भसीन जी ने हमेशा अनुशासन कायम रखा। कोई भी कार्यक्रम हो समय पर पहुंचते हैं। इनका समर्पण काबिले तारिफ है। इस मौके पर डॉ. चारू ने भी समर्पण को अर्पण पुस्तक के बारे में विस्तार से उपस्थित लोगों को जानकारी दी। कार्यक्रम के शुरूआत में डॉ. रामसिंह राजावत ने समर्पण को अर्पण पुस्तक की समीक्षा करते हुये बताया कि प्रां. कैलाश भसीन जी का जीवन कितना संघर्ष पूर्ण रहा है। पुस्तक में विभाजन की टीस के अलावा कई बातों का जिक्र है। पुस्तक सात खंडों में विभाजित है। यह पुस्तक प्रो. कैलाश भसीन जी के जीवन की कभी न रूकने वाली यात्रा है। डॉ. चारू की पुस्तक अन्तर्द्वंद्व की समीक्षा कवियत्री मीनाक्षी आहुजा ने बड़े ही शानदार ढंग से की। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन अमित जागिड़, रूकमानंद ने किया। इस मौके पर सांसद निहालचंद, जयदीप बिहाणी, जगदीश चोपड़ा पूर्व सलाहकार मुख्यमंत्री हरियाणा, अमरचंद बोरड़, महेश पेडीवाल, सीताराम मोर्य, महेन्द्र सिंह सोढ़ी, गुरबलपालसिंह संधू सहित अनेक गढयमान्य लोग उपस्थित थे।


श्रीगंगानगर। आरएसएस के क्षेत्रीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य प्रो. कैलाश भसीन के 82वें जन्मदिन पर उनकी पुस्तक समर्पण को अर्पण का मुकेश ओडिटोरियम में शानदार विमोचन किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि के रूप में क्षेत्रीय संघ चालक उतरक्षेत्र सीताराम व्यास, विजयनंद जी, प्रांत प्रचारक चितौड़ प्रांत, डॉ. चारू कालरा, श्रीमती विपल बतरा उपस्थित थे।

कार्यक्रम में प्रो. कैलाश भसीन की पुत्री डॉ. चारू कालरा की पुस्तक अन्तर्द्वंद्व और नातिन सुकृति कालरा की पुस्तक ब्रोकन आई का भी शानदार तरीके विमोचन किया गया। इस मौके पर प्रो. कैलाश भसीन ने अपने स्वागत-अभिनंदन से अभिभूत होेते हुये कहा कि मै इतनी तवज्जो का तो मोहताज नहीं था, शायद सरकार ने मुझे पहचान लिया। श्री भसीन ने आये हुये सभी गन्यमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि मेरी बेटियों ने मेरी जीवन यात्रा को पुस्तक का रूप दिया है। मैने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं अपनी जीवन यात्रा को कभी पुस्तक का रूप दे पाऊंगा। कई मित्र कहते थे कि आपके जीवन पर पुस्तक लिखो, लेकिन मैने इस संबंध में कुछ नहीं किया। जब यह बात मेरी बेटी चारू को पता चली तो चारू ने इसकी शुरूआत कर दी। मेरी दाहिती सुकृति ने 7वीं कक्षा से ही कविता लिखना शुरू कर दिया। प्रो. भसीन ने एक गीत गाकर सभी को भाव विभोर कर दिया।

 

 

इससे पहले विशिष्ठ अतिथि क्षेत्रीय संघ चालक उतरक्षेत्र सीताराम व्यास,विजयनंदन जी प्रांत प्रचारक चितौड़ प्रांत ने अपने विचार रखे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि यह पूरा कार्यक्रम ईश्वर की मर्जी से हुआ है। प्रो. कैलाश भसीन जी का पूरा जीवन संघर्ष पूर्ण रहा है। इनके हर संघर्ष पर एक पुस्तक लिखी जा सकती है। इनके जीवन से हम सभी को प्रेरणा मिलती है। भसीन जी ने हमेशा अनुशासन कायम रखा। कोई भी कार्यक्रम हो समय पर पहुंचते हैं। इनका समर्पण काबिले तारिफ है।

इस मौके पर डॉ. चारू ने भी समर्पण को अर्पण पुस्तक के बारे में विस्तार से उपस्थित लोगों को जानकारी दी। कार्यक्रम के शुरूआत में डॉ. रामसिंह राजावत ने समर्पण को अर्पण पुस्तक की समीक्षा करते हुये बताया कि प्रां. कैलाश भसीन जी का जीवन कितना संघर्ष पूर्ण रहा है। पुस्तक में विभाजन की टीस के अलावा कई बातों का जिक्र है। पुस्तक सात खंडों में विभाजित है। यह पुस्तक प्रो. कैलाश भसीन जी के जीवन की कभी न रूकने वाली यात्रा है। डॉ. चारू की पुस्तक अन्तर्द्वंद्व की समीक्षा कवियत्री मीनाक्षी आहुजा ने बड़े ही शानदार ढंग से की। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन अमित जागिड़, रूकमानंद ने किया। इस मौके पर सांसद निहालचंद, जयदीप बिहाणी, जगदीश चोपड़ा पूर्व सलाहकार मुख्यमंत्री हरियाणा, अमरचंद बोरड़, महेश पेडीवाल, सीताराम मोर्य, महेन्द्र सिंह सोढ़ी, गुरबलपालसिंह संधू  जगदीश चोपड़ा देव कुमार सतीश जग्गा संजीव शाद राकेश भसीन अमृत लाल  ओम प्रकाश राम सिंह यादव सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

 

 

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