
सिरसा से का. स्वर्ण सिंह विर्क व डा. हरविंदर सिंह प्रलेस राष्ट्रीय समिति में मनोनीत
सिरसा समेत हरियाणा के लेखकों ने दर्ज़ करवाई प्रभावी उपस्थिति
आंध्र के पी लक्ष्मी नारायण बने अध्यक्ष व पंजाब के डा. सुखदेव सिंह सिरसा महासचिव
सिरसा: 24 अगस्त:
सिरसा के प्रबुद्ध चिंतक का. स्वर्ण सिंह विर्क को आगामी तीन वर्षों के लिए अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के केंद्रीय अध्यक्ष मंडल व डा. हरविंदर सिंह सिरसा को केंद्रीय सचिवालय में मनोनीत किया गया है।
डा. सुभाष मानसा, डा. रतन सिंह ढिल्लों व डा. करनैल चंद को हरियाणा से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य व प्रो. गुरदेव सिंह देव को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर मनोनीत किया गया है। गत दिवस मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित प्रलेस के 18वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में आंध्र प्रदेश के पी लक्ष्मी नारायणा को अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के विभूति नारायण राय को कार्यकारी अध्यक्ष व पंजाब के डा. सुखदेव सिंह सिरसा को महासचिव चुना गया। हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार हरिशंकर परसाई की जन्म शताब्दी को समर्पित यह राष्ट्रीय सम्मेलन परसाई की प्रख्यात उक्ति ठिठुरता हुआ गणतंत्र पर केंद्रित रहा जिस में देश विदेश के लगभग पांच सौ प्रतिनिधियों ने शिरकत की।
राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों में हरियाणा की ओर से का. स्वर्ण सिंह विर्क, डा. रतन सिंह ढिल्लों, डा. सुभाष मानसा, प्रो. हरभगवान चावला, प्रो. गुरदेव सिंह देव व डा. हरविंदर सिंह सिरसा ने अध्यक्षमंडल सदस्य व वक्ता के तौर पर अभिव्यक्ति के ख़तरों का सामना, शोषण के विरुद्ध सांस्कृतिक अभिव्यक्ति, हमारे समय में रौशनी की उम्मीद, युवा लेखकों से संवाद विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रो. गुरदेव सिंह देव द्वारा नूंह प्रकरण पर प्रस्तुत प्रस्ताव को सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस अवसर पर आयोजित काव्य-गोष्ठी में हरियाणा के कवियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियां दीं। इस राष्ट्रीय महाधिवेशन में सिरसा समेत हरियाणा से डा. रतन सिंह ढिल्लों, प्रो. गुरदेव सिंह देव, तनवीर ज़ाफ़री, डा. सुभाष मानसा, भगवंत सिंह सेठी, डा. बलविंदर हुकमावाली, अमनदीप सिंह एडवोकेट, विनोद सिल्ला, डा. अनिल ख्याल अत्री, तरलोचन सिंह बल, भुपिंदर सिंह, दीपक वोहरा, हीरा सिंह, राजिंदर कौर, बलजीत कौर, अमनदीप सिंह, का. स्वर्ण सिंह विर्क, प्रो. हरभगवान चावला, गुरतेज सिंह बराड़ ऐडवोकेट, सुरजीत सिरड़ी, वीरेंदर भाटिया, सुरेश बरनवाल, डा. हरविंदर कौर, डा. हरविंदर सिंह सिरसा इत्यादि ने अपनी सक्रिय एवं प्रभावी उपस्थिति दर्ज़ करवाई।