कोरोना से डरने की जरूरत नहीं :- पपोसा
कोरोना पीड़ित व उसके परिवार से अच्छा व्यवहार करें ;-हरिकेश
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारी व हरियाणा राज्य सर्वश्रेष्ठ युवा वार्ड से सम्मानित जागरूक युवा हरिकेश पपोसा पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। जब डॉ ने एम्बुलेंस मंगवाई तो खुद अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए स्वम जाट धर्मशाला जाकर आइसोलेट किया। जिसके बाद उन्होंने अपने आप को जाट धर्मशाला स्थित कोविड-19 में दाखिल मरीज डरे हुए हैं । इसके बाद देखा कि सभी प्रकार के मरीज डिप्रेशन का शिकार हैं क्योंकि वहां पर मरीजों को सिर्फ कोरोना से डर लगता है जब जागरूक युवा हरिकेश पपोसा कोविड-19 सेंटर के अंदर बहुत सारे बुजुर्ग लोग हैं बच्चे भी हैं उनका उचित मार्गदर्शन बहुत जरूरी है।ताकि विषम परिस्थिति में किस प्रकार से उनका समय व्यतीत होता रहे।उस पर ध्यान दिया जब भी कोई जब सारा दिन मरीज मिलता उसे उसकी हाल-चाल की बात सुनी और उनको हंसाने की बात की जिसे जिसे उनका तनाव दूर हो गया ।जैसे जैसे एक दूसरे में मेल मिलताप गया तो तनाव बिल्कुल खत्म होता गया ।वहां रहकर लगभग ऐसे लोगों से अच्छा व्यवहार और हंसी भरी जिंदगी के माहौल में अच्छी-अच्छी बातें की जिनका जीवन निरस्त था उनमें दोबारा से जान आ गई ।कुरुक्षेत्र से बबलू गर्ग ओम प्रकाश पूर्व एमसी, कठुआ से भगवान जी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से ही रोहताश शर्मा , संदीप जांगड़ा जी दीक्षा बलविंदर वे उसकी बहन आजाद नगर कुलविंदर कोर व उसकी बेटी और 2 वर्षीय दोहता, बाबैन कृष्ण , 70 वर्षीय बिमला देवी शहर से ,कृष्णा नगर गामड़ी से पति पत्नी, गोमती देवी 65, केला देवी 64 ,लाडवा से कलाल माजरा से लोकेश कुरुक्षेत्र के एलएनजेपी हॉस्पिटल के पंकज शर्मा, राजेश जब भी कोई कॉविड पीड़ित मरीज जाट धर्मशाला में दाखिल होता उसी समय से उसका हंसी मजाक और हौसले से स्वागत किया जाता और पूरे वातावरण को हर समय हंसमुख रखा जाता है। जाट धर्मशाला में कोविड-19 की देखरेख की पूरी टीम समय-समय पर मरीजों को हर तरीके से हर संभव मदद के लिए तैयार रहती है चाहे वह खानपान की व्यवस्था हो सफाई सफाई की बात हो या फिर दवा और दवाई की बात हो ।योगा ट्रेनर मंजीत सिंह सुबह शाम योग करवाते हैं।जिससे हौसला वे बढ़ता है। हरिकेश ने बताया कि लोग करोना के नाम से बहुत डरे हुए हैं इससे डरने की जरूरत नहीं है इतिहात बताने की जरूरत है ।आम नागरिकों से अपील भी की जाती है कि जब भी कोई करोना पीड़ित होता है तो पड़ोस में रहने वाले लोग परिवार के प्रति अपना दुर्व्यवहार का नजरिया ना रखें क्योंकि परस्पर सहयोग से किसी भी दुख तकलीफ से लड़ा जा सकता है।जब भी कोई मरीज अपना आइसोलेट समय पूरा कर लेता उसका पूरा मान सम्मान के साथ विदाई करते।ये सारा कार्य एक दिन पहले करते थे।जब भी किसी परिवार से कोई व्यक्ति मिलने या समान देने पहुँचता तो उसका ओर परिवार का ढांढस बंधवाते।वीडियो कॉल के जरिये खूब हँसते वो परिवार वाले भी खुश हो जाते।
Home updates कुरुक्षेत्र के स्टेट बेस्ट यूथ अवार्डी हरिकेश पपोसा ने जीती कोरोना की जंग ओर कहा इस बीमारी से डरने की जरूरत नही बल्कि मिलकर सामना करने की जरूरत है
Check Also
डॉ विक्रम मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किडनी डोनर सम्मान एवं किडनी स्वास्थ्य जागरूकता समारोह का आयोजन
–समारोह में 24 किडनी डोनर्स सम्मानित, 75 प्रतिशत महिलाओं ने अपने सगे संबंधियों को अ…