बजार……?खाली जेब लेकर बजार में घूमते सवाल उठा मन में की खरीददारी के लिए भी कोई दिन शुभ होता है उधार माँगा था खरीद दारी के लिए जनाब तो जबाव मिला बजार से मुझे कोई दिन त्यौहार तो देख लिया करो जानते नहीं आज क्या है मेने भी कह दिया धन तेरस …….
बजार……?खाली जेब लेकर बजार में घूमते सवाल उठा मन में की खरीददारी के लिए भी कोई दिन शुभ होता है उधार माँगा था खरीद दारी के लिए जनाब तो जबाव मिला बजार से मुझे कोई दिन त्यौहार तो देख लिया करो जानते नहीं आज क्या है मेने भी कह दिया धन तेरस …….
बस दिक्कत ये है की लोग मुझे वो नहीं समझते जो मै आपने आप को समझता हूँ बंद आँखों से जब कभी भी मुश्किल से आपने अंदर की यात्रा शुरू करता हूँ तो सवालों का पहाड़ खड़ा हो जाता है और मै डर जाता हूँ खुली आँखों से जो देखता हूँ तो मै वो होता हूँजिसे सिर्फ लोग पहचाते है …
बस दिक्कत ये है की लोग मुझे वो नहीं समझते जो मै आपने आप को समझता हूँ बंद आँखों से जब कभी भी मुश्किल से आपने अंदर की यात्रा शुरू करता हूँ तो सवालों का पहाड़ खड़ा हो जाता है और मै डर जाता हूँ खुली आँखों से जो देखता हूँ तो मै वो होता हूँजिसे सिर्फ लोग पहचाते है …
मित्रो अक्सर देखा है लोग लोगो से मिल कर सिर्फ अफ़सोस ही करते है लेकिन जिंदगी के कुछ और ही अर्थ होते है सिर्फ रोटी कपड़ा और मकान ही नहीं होता निशान जिंदगी का ….मगर हमें ना रहना आया ना रोटी खानी आई और ना मकान बनाने आये आपने ही हाथो से बनाये मकान रोटी और कपडे कम ही लोगो …
मित्रो अक्सर देखा है लोग लोगो से मिल कर सिर्फ अफ़सोस ही करते है लेकिन जिंदगी के कुछ और ही अर्थ होते है सिर्फ रोटी कपड़ा और मकान ही नहीं होता निशान जिंदगी का ….मगर हमें ना रहना आया ना रोटी खानी आई और ना मकान बनाने आये आपने ही हाथो से बनाये मकान रोटी और कपडे कम ही लोगो …
आदमी तुम कहाँ हो रूप रंग और नकाब पहन कर भीड़ में गुम याघर और बहार के अलग किरदारों में रिश्तो नातोंमें हर वक्त हर शतरंज के मोहरे बन के बे शुमार आदमियों की भीड़ में तन्हा है हर आदमीअर्थो और शब्दों के जंगल में मौन विचारो की चीख के बीचगूंगा है हर आदमी करना कुछ कहना कुछ चाहता है …
आदमी तुम कहाँ हो रूप रंग और नकाब पहन कर भीड़ में गुम याघर और बहार के अलग किरदारों में रिश्तो नातोंमें हर वक्त हर शतरंज के मोहरे बन के बे शुमार आदमियों की भीड़ में तन्हा है हर आदमीअर्थो और शब्दों के जंगल में मौन विचारो की चीख के बीचगूंगा है हर आदमी करना कुछ कहना कुछ चाहता है …
हो सकता है की तुझे झूठ लगे या फिर सच इससे मुझे कोई भी फर्क नहीं पड़ता मैने अक्सर देखा लोग बस इक अवसर की तलाश में रहते है लेकिन झूठ और सच को भी छोड़ के काफी अरसे से कोई युद्ध नही लड़ा सम्पूर्ण मानव जाति ने इसलीये सियासत और फरेब काफी हो रहे है लोग मुखोटे पहन के …
हो सकता है की तुझे झूठ लगे या फिर सच इससे मुझे कोई भी फर्क नहीं पड़ता मैने अक्सर देखा लोग बस इक अवसर की तलाश में रहते है लेकिन झूठ और सच को भी छोड़ के काफी अरसे से कोई युद्ध नही लड़ा सम्पूर्ण मानव जाति ने इसलीये सियासत और फरेब काफी हो रहे है लोग मुखोटे पहन के …
मै पहले जैसा कहा हूँ जो पहले था जब कभी भी मै दीवार पे लटकी बचपन की तस्वीर के आगे से गुजरता हूँ तो मन में ख्याल आता है की मै पहले जैसा नही रहा ख़ैर कोई भी नहीं रहता पहले जैसा मित्र माँ बाप पत्नी और मेरे बच्चे भी अक्सर और मै खुद भी कहता हूँ अपने आप से …
गुरु नानक कॉलेज किल्लियांवाली के पूर्व छात्र संघ की वार्षिक आम बैठक 14 नवंबर …
किड्स किंगडम कान्वेंट स्कूल में 77 वें स्वतंत्रता दिवस का भव्य आयोजन किया गया। …
घर फूँक थियेटर फेस्टिवल में हुई “मौत क्यूं रात भर आती नहीं” नाटक …
A YouTube Channel by a Theater artist, Choreographer, Mentor, Motivational Spraker Sanjeev Shaad of M.Dabwali for providing an open platform to everyone who has something to say,to share,to explore with the Society. This channel is also a medium to highlight and sharp your God- gifted virtues with each other, following the mission to appreciate and highlight the hidden talent.