Home Shaad, Pen हास्य योग…मिटाए रोग..

हास्य योग…मिटाए रोग..

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बस हमे तो हँसने का बहाना चाहिए अगर खुद में हँसी आये तो खुल कर हँसना चाहिए

खुला निमंत्रण………..

हँसना जरूरी है ……मना तो बिलकुल भी नही ……
तुम मेरे पे खुल के खिलखलाकर हँस सकते हो
अंदर ही अंदर क्यों हसंते हो ….
शायद याद भी नही कब खुल के हँसे थे मिल कर
अक्सर हमारे जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते है उन पलों में खुद पे हँसी आती है लेकिन हम दबा लेते है …मानो या न मानो हम अनेक पलो में हँसी को दबा लेते है
हर तरफ तनाव EGO … चहेरे के भाव से दीखते है जीवन शैली में हँसने से रक्त कण खिल उठते है
मेने बिलकुल छोटे बच्चों को बिना कारण के हसंते देखा है
हमे चुटकले चाहिए कथा चाहिए हास्य टीवी नाटक हास्य क्लब चाहिए
हास्य तो मस्ती है अंदर से फूटना चाहिए उन बातों से निकलना चाहिए जिन बातों को लेकर कहते है कि
क्यों मुँह फाड् के हँस रहे …इसमें हँसने की क्या बात है
जनाब हँसने की कोई बात नही होती …हास्य तो यकायक जन्म लेता है ..कभी खुद पे कभी दुनिया पे
हास्य प्रभु का प्रवेश द्वार है
खुल के हँसो हो सके तो खुद पे हँसो
अनेको कारण मिल जायेंगे खुद पे हँसने के बस वही कारण से जीवन को नही दिशा मिलेगी क्योकि हम बड़े नही अभी बच्चे ही है
फूटने दो हँसी का झरना
ताकि कोई कहे कितना पागल है अकेला ही हसँ रहा है
बस
हिम्मत चाहिए…..
मेरे आपको निमंत्रण है आप मुझ पे हसँ सकते है
क्योकि

दिल बेचता हूँ कोई मोल ले
कीमत इतनी बस हसँ के बोल ले….

डॉक्टर भीकहते हैं कि आप सात दिन तक बिलकुल नहीं हंसे तो कमजोर हो जाएंगे। हंसना हमारे मनुष्य होने का सबूत है, क्योंकि अकेला मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो हंस सकता है। भरपूर हंसी चेहरे के स्नायुओं, श्वास के परदे और पेट को व्यायाम देते हैं। इससे दिल की धड़कन और रक्तचाप बढ़ता है, सांस तेज और गहरी होती है और खून में प्राण वायु दौड़ने लगता है। एक ठहाकेदार हंसी उतनी ही कैलोरी जला सकती है जितना कि तेज चलना।
ओशो ने भी हास्य को असाधारण महत्व दिया है और उनके प्रवचन चुटकुलों और लतीफों से सराबोर होते हैं। वे कहते हैं गंभीरता एक बीमारी है। हास्य में अद्भुत क्षमता है-स्वास्थ्य प्रदान करने की और ध्यान में डुबाने की भी। मन के वे हिस्से जो सोए पड़े थे, अनायास जाग उठते हैं। हंसने वाले लोग आत्महत्या नहीं करते, उन्हें दिल के दौरे नहीं पड़ते। यदि बीमारी के दौरान हंस सको तो जल्दी स्वस्थ हो जाओगे और अगर स्वस्थ रहकर भी नहीं हंस पाए तो शीघ्र ही बीमारी घेर लेगी। लेकिन हंसने के लिए सेन्स ऑफ ह्यूमर होना बहुत जरूरी है, नहीं तो हंसना दूसरों की फजीहत तक सीमित रह जाएगा।


.Sanjivv Shaad

One Comment

  1. प्रदीप सचदेवा

    September 19, 2020 at 5:11 am

    Ha Ha Ha ……. Great ?

    Reply

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