Home Shaad, Pen युद्ध…आदमी इक हादसा होने से डरता है….

युद्ध…आदमी इक हादसा होने से डरता है….

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शंखनाद हो चुका है पुराने जमाने मे युद्ध सूरज ढलने के साथ रुक जाते थे आमने सामने होते थे सीधे होते थे दुश्मन सामने होता था यानी युद्ध के नियम होते थे लेकिन वर्तमान दौर में युद्ध  बदल गए है दुश्मन छुप कर वार करता है या किसी का कन्धा होता है निशाने पर कोई आम जनमानस को तो पता ही नही चलता कब वो शिकार हो गया है लेकिन जिन लोगो की चेतना जगती है वो अपनी समस्याओं का समाधान निकल लेते है
“#यहां इंसान हर पल हादसा होने से डरता है
खिलौना है जो माटी का फ़ना होने से डरता है
मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा
बड़ो की देख कर दुनिया बड़ा होने से डरता है
ना बस में ज़िंदगी इसके ना काबू मौत पे इसका
मगर इंसान फ़िर भी कब खुदा होने से डरता है
अजब ये ज़िंदगी की क़ैद है दुनिया का हर इंसान
रिहाई माँगता है और रिहा होने से डरता #है”


यर परीक्षा की घड़ी है संयम का वक्त है सीखने को इतिहास है समझने को वर्तमान है जिससे भविष्य का रास्ता खुलेगा जीत उसी की होती है जो गिर कर दोबारा उठता है घर पर रहो और समाज के प्रति खुद के प्रति अपनी भूमिका को निर्णायक मौड़ दे और युद्ध लड़े डरे नही आओ पूरा जीवन जीये ओर किसी का सहारा बने
ज़िन्दगी ज़िंदाबाद।।
Sanjivv Shaad

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