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मेरा स्कुल…

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मेरा रंग मंच  मेरा भाव
मेरा धर्म
मेरा कर्म
मेरा स्कुल मेरा सकून
आज भी
जब मन
उदास
होता है
या खुश  या फिर आपने आपको बड़ा समझता हूँ कभी कभी
तो इस धरा पे लेट जाता हूँ।
माँ की गोद जैसा आशीर्वाद ले कर छोटा सा हो जाता हूँ
पता नहीं कितनी अमिट यादें मेरे मानसिक पटल में घूम जाती है   और मेर आगे पीछे चलती है में ऊगली पकड़ के टहलता हूँ
मेरा स्कुल ……………बस मेरे दिल में रहता है
तो मेरा दिमाग चलता और सफर तय होता है जिंदगी का
इस तरह मेरी उम्र बढ़ती है और घटती है
और मैं अक्सर
इक बच्चा हो जाता हूँ
मेरा स्कुल ज़िंदाबाद आबाद है इसलिए
मैं शायद ………………..
shaad हूँ

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