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ओ टी पंजाबी को मान्यता दे सरकार: डा. हरविंदर सिंह

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हरियाणा में पंजाबी अध्यापकों की योग्यता एवं नियुक्ति हेतु 1996 में शुरू किया गया ओ टी पंजाबी का कोर्स 2001 के बाद बिना किसी पूर्व अधिसूचना के बंद कर दिया गया है। हरियाणा में 2010 तक पंजाबी अध्यापकों की नियुक्ति हेतु शैक्षणिक योग्यता ओ टी पंजाबी ही रही है। बाद में इसमें बदलाव करते हुए पंजाबी अध्यापकों की नियुक्ति हेतु शैक्षणिक योग्यता बीए बीएड कर दी गई। संस्कृत अध्यापकों की नियुक्ति हेतु शैक्षणिक योग्यता ओ टी संस्कृत को बीए बीएड के बराबर मान लिया गया है जबकि ओ टी पंजाबी को यह दर्ज़ा नहीं दिया गया है। इन तथ्यों की रौशनी में केंदरी पंजाबी लेखक सभा (रजि.) के कार्यकारिणी सदस्य, केंदरी पंजाबी लेखक सभा (रजि.) हरियाणा चैप्टर के प्रैस सचिव एवं पंजाबी लेखक सभा, सिरसा के सचिव डा. हरविंदर सिंह, केन्दरी पंजाबी लेखक सभा (रजि.) के कार्यकारिणी सदस्य डा. करनैल चंद, केंदरी पंजाबी लेखक सभा (रजि.) हरियाणा चैप्टर के अध्यक्ष डा. अमरजीत सिंह, महासचिव प्रो. गुरदेव सिंह देव व पंजाबी लेखक सभा, सिरसा के अध्यक्ष परमानंद शास्त्री ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि हरियाणा में ओ टी पंजाबी के कोर्स को पुनः तत्काल शुरू किया जाए और पंजाबी अध्यापक के तौर पर पदोन्नति हेतु बीए ओ टी को बीए बीएड के बराबर मान्यता जाए। बीए ओ टी पास बेरोज़गार युवाओं को पंजाबी अध्यापक के पदों पर समायोजित किया जाए। डा. हरविंदर सिंह ने केंदरी पंजाबी लेखक सभा (रजि.) के अध्यक्ष दर्शन बुट्टर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. जोगा सिंह व महासचिव डा. सुखदेव सिंह सिरसा से अनुरोध किया है कि वह इस मुद्दे को हरियाणा सरकार के समक्ष रखते हुए इसे लागू करवाने का हर संभव प्रयास करें।

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