Home updates श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा बलिदान के लिए स्वयं को अर्पित करना ही अद्भुत: प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा

श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा बलिदान के लिए स्वयं को अर्पित करना ही अद्भुत: प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा

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श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन दर्शन मिलती है त्याग एवं बलिदान की सीख: डा. दलजीत सिंह

सिरसा: 1 अप्रैल:
हिन्द की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन दर्शन से हमें त्याग एवं बलिदान की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि गुरुजन का जीवन दर्शन अपने आप में इसलिए भी विलक्षण है कि श्री गुरु नानक देव जी ने कर्मकांडों के विरोध स्वरूप जनेऊ धारण करने से इनकार किया था और श्री गुरु तेग बहादुर जी ने जनेऊ की रक्षार्थ अपने आप को स्वयं बलिदान के लिए प्रस्तुत किया।

यह विचार मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डा. दलजीत सिंह ने राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा में श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाशपर्व के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर अपने संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा किसी से न डरना और किसी को भय न देना श्री गुरु तेग बहादुर जी की महत्वपूर्ण सीख है जो समकाल में और भी प्रासंगिक जान पड़ती है। महाविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डा. हरविंदर सिंह व सांस्कृतिक समिति संयोजक डा. यादविंदर सिंह के संयोजन में आयोजित इस विचार गोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा ने की। विचार गोष्ठी का शुभारंभ संगीत विभागाध्यक्ष डा. यादविंदर सिंह के सान्निध्य में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा कशिश खट्टर द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा रचित शब्द के गायन की प्रस्तुति से हुआ। डा. हरविंदर सिंह द्वारा विचार गोष्ठी की रूपरेखा से अवगत करवाए जाने के उपरांत डा. दलजीत सिंह ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन दर्शन को उद्घाटित करता अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा ने कहा कि गुरुजन द्वारा रचित गुरुबाणी को सुनने व पढ़ने के उपरांत व्यक्ति के दृष्टिकोण में बुनियादी परिवर्तन आता है। मानव मन से गैर मानवीय रुचियाँ खारिज़ होती चली जाती हैं और मानवीय संवेदनाएं जागृत होती हैं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा अपने आप को स्वयं बलिदान के लिए अर्पित करना अपने आप में अद्भुत, विलक्षण, महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक घटना है। कार्यक्रम का संचालन डा. हरविंदर सिंह ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं के अलावा प्रो. अंकिता मोंगा, डा. रुपिंदर कौर, प्रो. शिवानी, प्रो. किरण कालड़ा, प्रो. निर्मला रानी, प्रो. कपिल कुमार सैनी, प्रो. सविता दहिया, प्रो. किरण, प्रो. अनु, प्रो. रितिका, प्रो. मीनू, ललित कुमार, सोहन सिंह इत्यादि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई।

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