सप्तक कल्चरल सोसाइटी 12 से फिर शुरू होगा संडे थिएटर
रोहतक, शहर के कलाप्रेमियों को दुनिया के बेहतरीन नाटकों के माध्यम से स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने वाला साप्ताहिक ‘संडे थियेटर’ एक बार फिर शुरू हो रहा है। सप्तक रंगमंडल और पठानिया वर्ल्ड कैंपस के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय आईएमए हाल में होने वाले इस आयोजन के वर्तमान सत्र का पहला नाटक ‘गुलाब, पंखुड़ियां और डंठल’ होगा, जिसका मंचन 12 सितंबर को सांय 6.30 बजे आईएमए हाल में किया जाएगा।
यह जानकारी आज यहां हुई एक मीटिंग के बाद सप्तक के सचिव अविनाश सैनी दी।उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के बाद 17 जनवरी को की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को कोरोना के कारण पैदा हुए मानसिकता तनाव से बाहर निकलना था, जिसमें हम काफी सफल रहे। परन्तु कोरोना की दूसरी लहर के चलते यह सिलसिला अप्रैल 2021 में थम गया। अब आईएमए के अध्यक्ष डॉ. जेपी अरोड़ा की प्रेरणा और कलाप्रेमियों की मांग पर पुनः संडे थियेटर का आगाज़ किया जा रहा है।
संडे थियेटर के प्रणेता और जाने-माने रंगकर्मी विश्वदीपक त्रिखा ने बताया कि अवलोकन थिएटर मंच, दिल्ली की प्रस्तुति ‘गुलाब, पंखुड़ियाँ और डंठल’ में एक समान्य मध्यवर्गीय परिवार के झंझावातों को दर्शाया गया है। हास्य व्यंग्य से भरपूर इस नाटक में मुख्य पात्र, नायिका के प्रेम पर सन्देह व्यक्त करते हुए जिस तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाता है, वह निश्चित ही दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर देगा। उन्होंने बताया कि नाटक के लेखक जोगिंदर पंवार हैं और इसका निर्देशन साहिल मंजू खन्ना ने किया है। नाटक की अवधि करीब सवा घंटा है।
त्रिखा ने कहा कि रोहतक के कलाकार शहर के लोगों को एक बेहतर संस्कृति माहौल देने के लिए कटिबद्ध हैं। वे मुश्किल से मुश्किल हालात में भी अपनी इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, “कोरोना ने न केवल आम लोगों की कमर तोड़ी है, वहीं कलाकारों को भी गहरे तक प्रभावित किया है। इस दृष्टि से हमारा पहला उद्देश्य कलाकारों को मंच प्रदान करना और लोगों को निराशा से निकलने के लिए अच्छे नाटकों का प्रदर्शन करना है।” उन्होंने बताया कि इस बार संडे थियेटर में नाटकों के अलावा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवाए जाएंगे। प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क रहेगा।
मीटिंग में आईएमए अध्यक्ष डॉ. जेपी अरोड़ा, पठानिया वर्ल्ड कैंपस के निदेशक अंशुल पठानिया, भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक कपिल सहगल, रंगकर्मी सुजाता, शक्ति सरोवर त्रिखा, मनोज कुमार, अविनाश सैनी और लोक कलाकार सुरेंदर सिंह शामिल रहे।
विश्व दीपक त्रिखा