किसी भी देश की अर्थव्यवस्था और राजनीति आदि को चलाने वाले लोग किस तरह के हैं, यह बात उस देश के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। बड़ों की सलाह और युवाओं का जोश मिलकर काम करें, तो कामयाबी को आसानी से हासिल किया जा सकता है और देश एक नए विकास की तरफ अग्रसर हो सकता है। ये शब्द आचार्य रमेश सचदेवा प्रिंसिपल एचपीएस सीनियर सेकन्डेरी स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर “युवा देश के युवा की दश और दिशा” विषय पर आयोजित गोष्ठी में कहे|
उन्होंने कहा कि अपने देश के युवाओं के खातिर अर्थात उनकी पढ़ाई लिखाई और प्रशिक्षण आदि के लिए सरकार जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा खर्च करते हैं। युवाओं को उनकी शक्ति का एहसास करवाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया जाता है।
उन्होंने बताया कि हर साल अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक थीम का चुनाव किया जाता है। इस चुनी गई थीम पर ही इस दिन युवाओं के द्वारा कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
इस थीम के अनुसार किये जाने वाले कार्यक्रम में सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भाग लेती है। इसमें युवाओं की शिक्षा और रोजगार आदि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
यह विचार विमर्श किया जाता है कि किस तरह से युवाओं की शक्ति का सकारात्मक प्रयोग समाज और राष्ट्र के निर्माण में किया जा सकता है। युवा अपने नए विचार सरकार के साथ साझा कर सकते हैं।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम “अंतर पीढ़ीगत एकजुटता: सभी उम्र के लिए एक दुनिया बनाना” है| इसका उद्देश्य इस संदेश को बढ़ाना है कि एजेंडा 2030 और इसके 17 एसडीजी को प्राप्त करने के लिए सभी पीढ़ियों से कार्रवाई की आवश्यकता है, और किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना है
सरकारों को योजनाएं बनाते हुए युवाओं कि समस्याओं को मुख्य रूप से ध्यान रखना होगा जैसे आज के युवाओं के समक्ष नशा और बेरोजगारी के साथ-साथ लाइफ स्किलस का प्रशिक्षण ना होना मुख्य समस्या है|