Home News Point बलिदान की भावना के साथ गहन अध्ययन व चिंतन-मनन का भी पर्याय थे शहीद-ए-आज़म भगत सिंह: डा. संदीप गोयल

बलिदान की भावना के साथ गहन अध्ययन व चिंतन-मनन का भी पर्याय थे शहीद-ए-आज़म भगत सिंह: डा. संदीप गोयल

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जीएनसी सिरसा में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जयंती पर हुआ ‘इन्कलाब ज़िंदाबाद’ नाटक का मंचन

सिरसा: 28 सितंबर: शहीद-ए-आज़म भगत सिंह में केवल बलिदान की भावना ही कूट कूट कर भरी हुई नहीं थी बल्कि वह निरंतर अध्ययन व चिंतन-मनन के प्रति भी समर्पित थे। अपनी अल्पायु में भगत सिंह ने जितनी पुस्तकें पढ़ीं, विभिन्न मुद्दों पर लिखा और सैद्धांतिक एवं वैचारिक परिपक्वता ग्रहण की यह विरले क्रांतिकारियों के हिस्से ही आता है। यह विचार राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा के प्राचार्य डा. संदीप गोयल ने महाविद्यालय शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जयंती के अवसर पर उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के तत्वावधान में महाविद्यालय की सांस्कृतिक समिति व पंजाबी विषय परिषद के सहयोग से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से हमें देश के प्रति बलिदान की भावना व अध्ययन और चिंतन-मनन के प्रति समर्पण की प्रेरणा लेनी चाहिए। लोकरंगकर्मी गुरशरण सिंह की पुण्यतिथि व शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती को समर्पित इस कार्यक्रम में उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला की ओर से वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी रविंद्र शर्मा और प्रख्यात रंगकर्मी एवं वरच्युस क्लब, इंडिया के वरिष्ठ सदस्य संजीव शाद ने विशिष्ट अतिथियों के तौर पर शिरकत की।

सांस्कृतिक समिति प्रभारी डा. स्मृति कंबोज व पंजाबी विषय परिषद प्रभारी डा. हरविंदर कौर एवं डा. लखवीर सिंह के संयोजन में हुए इस आयोजन की अध्यक्षता प्राचार्य डा. संदीप गोयल ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ पंजाबी विभागाध्यक्ष डा. हरविंदर सिंह द्वारा अतिथिगण के स्वागत, परिचय व समारोह की रूपरेखा से अवगत करवाए जाने के उपरान्त एमए पंजाबी प्रथम वर्ष की छात्रा अंजू देवी द्वारा शहीद भगत सिंह के बारे में एक भावपूर्ण गीत की ख़ूबसूरत प्रस्तुति से हुआ। इस अवसर पर दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा व पुणे के फिल्म और टीवी संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ऑफ़ थिएटर सुविख्यात रंगकर्मी एवं नाट्य-निर्देशक कर्ण लढा के निर्देशन में केएल थिएटर प्रोडक्शन के रंगकर्मियों ने शहीद भगत सिंह के जीवन वृत्तांत पर आधारित नाटक ‘इन्कलाब ज़िंदाबाद’ का मंचन किया। इस अत्यंत कलात्मक एवं जीवंत मंचीय प्रस्तुति ने उपस्थितजन को शहीद भगत सिंह को अपने आदर्श नायक के तौर पर स्वीकार करने की अनुकरणीय एवं उदाहरणीय प्रेरणा प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रख्यात रंगकर्मी एवं स्थापित एंकर संजीव शायद ने शहीद भगत सिंह से संबंधित अत्यंत भाव-विभोर एवं ख़ूबसूरत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। समारोह में उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र शर्मा ने भी शहीद भगत सिंह के जीवन वृत्तांत के संबंध में चर्चा करते हुए उन्हें अध्ययनशील चेतन क्रांतिकारी की संज्ञा दी। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, गैर शिक्षक स्टाफ सदस्यों सहित विद्यार्थियों ने विशाल संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई।

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