Home News Point सख़्त राहों में आसां सफर लगता है ये मेरी मां की दुआओं का असर लगता है- डॉ वेदप्रकाश भारती

सख़्त राहों में आसां सफर लगता है ये मेरी मां की दुआओं का असर लगता है- डॉ वेदप्रकाश भारती

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मां ममता की मूर्त है और त्याग और तप की देवी है, मां की ममता में कोई मिलावट नहीं होती।  :-

प्रिंसिपल चंद्रकांताभारती  

नवप्रगति स्कूल डबवाली ने मनाया मातृदिवस
प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी नव प्रगति सी. सै. स्कूल डबवाली के प्रांगण में मातृ दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया।


इस अवसर पर खुशदीप (10th, 2023-24) की माता जसविंदर कौर और रुचिका (11th, 2023-24)की माता रेणु बाला को विद्यालय जूरी ने बेस्ट मदर्स घोषित किया तो उन्हें एन पी एस अवार्ड से सम्मानित किया गया
विद्यालय का ऐसा मानना है कि बच्चों को मेरिटोरियस, होनहार, आज्ञाकारी, मेहनती और ईमानदार, संस्कारी और उच्च चरित्र बनाने में मां की अहम् भूमिका होती है। एक मां की परवरिश ही उन्हें ऐसा बनने की प्रेरणा देती है। मां सबका ख्याल रखते रखते अपना ख्याल रखना भूल जाती है।


इस अवसर पर बच्चों ने अपने माता-पिता के चरण धोकर आरती उतारी और नत मस्तक हुए।
इस अवसर पर मुख्यातिथि डॉ संगीता खुराना नेशनल अवार्डी प्रवक्ता इंग्लिश खारीयां ने बेस्ट मदर्स को पुष्प माला पहना कर उन्हें एन पी एस अवार्ड से सम्मानित किया, इस अवसर पर डॉ बलराज सिंह (प्रिंसिपल रा. वरि. मा. विद्या. डबवाली) डारेक्टर बलवीर सिंह (सेकरेड हार्ट पब्लिक स्कूल चक अतर सिंह वाला (बठिंडा) पूर्व सरपंच व समाज सेवी रणजीत सिंह सावंत खेड़ा, भारत स्काउट एंड गाइड की नेशनल अवार्डी बहन उर्मिला,गत वर्षों में बेस्ट मदर्स का सम्मान पा चुकी सभी माताएं व अभिभावकों ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में मां की महिमा का वर्णन करते हुए मां को भगवान तुल्य बताया और कहा कि मां का स्थान कोई नहीं ले सकता। अनेक संतों महात्माओं कवियों और शायरों ने मां पर क्या खूब लिखा है “दूरों बैठी दुवावां करदी अम्मी, सानू न कुझ हो जाए डरदी अम्मी” “मां दी हल्ला शेरी शेर बणा दिंदी लस्सी दा छन्ना मुंह नू ला दिंदी” “मां वरगा घणछावां बूटा मैनू किधरे नज़रीं न आवे” “मां हुंदी ए मां ओ दुनिया वालिओ”
इस अवसर पर जहान्वी और पार्टी ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, बेबी ईशिता ने हरियाणवी लोकगीत पर खूबसूरत नृत्य पेश किया। नीतू,ताशू,हरहुनर, वंदना वाणी और सोनी ने अपने कविताओं और गीतों से मां का गुणगान किया।
सभी वक्ताओं ने मंच पर अपने जीवन के अनुभव साझा किये और बचपन की स्मृतियों का स्मरण कर भावुक भी हो गये।
विद्यालय प्रिंसिपल चंद्रकांता ने कहा कि मां ममता की मूर्त है और त्याग और तप की देवी है, मां की ममता में कोई मिलावट नहीं होती।
वाइस प्रिंसिपल बलजिंदर कौर ने कहा कि जब दुनिया के सारे रिश्ते मुंह मोड़ कर ईर्ष्या भी करने लगे तब भी मां आपकी सफलता की दुआएं मांग रही होती है।

अमनदीप कौर प्रवक्ता पंजाबी व मैम रेखा प्रवक्ता हिंदी ने मां जैसे संक्षिप्त शब्द को व्यापक रूप देते हुए अपनी विलक्षण शेयरों शायरी से मंच का संचालन बड़ी खूबसूरती से किया

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