मरने के बाद ही लोग अच्छा कहते है
जीते जी कोई नहीं है जो कहे की तुम कितने अच्छे हो
और
कभी कभी गूँगा और बहरा होने को मन करता है
और रही आँखे
बन्द करके सोने को
मन करता है
लो तुम भी छोड़ दो हथियार
मैंने भी रख दी कलम
अब तुम
भी अच्छे हो
और मैं भी कितना अच्छा हूँ
और संसार भी लेकिन
दुनिया इसे इक समझोता ही कहेगी और समझेगी
क्योकि
तुम भी ज़िंदा हो
और मैं भी ज़िंदा हूँ
और दुनिया तो मरने के बाद ही किसी नतीजे पे आती है
की कौन अच्छा और………….
और मैंने उठा ली कलम
और तू भी उठा हथियार
क्योकि
राजमहल के खिलाफ मेरा युद्ध जारी है ।
इसलिए मैंने इक नई कविता लिखी है और शीर्षक है
मझे अच्छा ना कहना
मेरे मरने के बाद…. मेरी श्रदांजलि सभा में।।
मरने के बाद भी……..
मरने के बाद ही लोग अच्छा कहते है
जीते जी कोई नहीं है जो कहे की तुम कितने अच्छे हो
और
कभी कभी गूँगा और बहरा होने को मन करता है
और रही आँखे
बन्द करके सोने को
मन करता है
लो तुम भी छोड़ दो हथियार
मैंने भी रख दी कलम
अब तुम
भी अच्छे हो
और मैं भी कितना अच्छा हूँ
और संसार भी लेकिन
दुनिया इसे इक समझोता ही कहेगी और समझेगी
क्योकि
तुम भी ज़िंदा हो
और मैं भी ज़िंदा हूँ
और दुनिया तो मरने के बाद ही किसी नतीजे पे आती है
की कौन अच्छा और………….
और मैंने उठा ली कलम
और तू भी उठा हथियार
क्योकि
राजमहल के खिलाफ मेरा युद्ध जारी है ।
इसलिए मैंने इक नई कविता लिखी है और शीर्षक है
मझे अच्छा ना कहना
मेरे मरने के बाद…. मेरी श्रदांजलि सभा में।।