Home News Point एनवायरमेंट एजुकेशन प्रोग्राम 2023- 24 के तहत सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन फ्रूट्स, मांगियाना में विद्यार्थियों की विजिट करवाई गई

एनवायरमेंट एजुकेशन प्रोग्राम 2023- 24 के तहत सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन फ्रूट्स, मांगियाना में विद्यार्थियों की विजिट करवाई गई

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गुरु नानक कॉलेज किलियांवाली के इको क्लब की ओर से मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज, भारत सरकार और स्टेट नोडल एजेंसी पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से प्राप्त निर्देशानुसार आज एनवायरमेंट एजुकेशन प्रोग्राम 2023- 24 के तहत सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन फ्रूट्स, मांगियाना में विद्यार्थियों की विजिट करवाई गई
जिसमें आज मुख्य विषय “सस्टेनेबल एग्रीकल्चर फॉर ए हेल्दी लाइफ़स्टाइल” के ऊपर वहां के सुपरिंटेंडेंट डॉ शिवानी द्वारा विस्तार पूर्वक वर्कशॉप का आयोजन किया गया| सबसे पहले मैडम ने बताया कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन फ्रूट्स भारत और इजराइल का एक संयुक्त प्रोजेक्ट चल रहा है जिसमें कृषि उत्पादों ,फल और सब्जियों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए समय-समय पर किसानों के लिए और विद्यार्थियों के लिए ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए जाते हैं|
आज की विजिट के संबंध में मैडम ने विद्यार्थियों को वर्मी कंपोस्ट, वर्मी वाश, चिप बुडिंग, ड्रिप इरीगेशन, सॉइललेस मीडिया आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी| सबसे पहले मैडम ने इस सीजन के अनुकूल लगने वाले फल जैसे के किन्नू, अनार, अमरूद आदि के उत्पादन तकनीक बारे में बताया कि यहां पर खेत में वैसे फल लगाए जाते हैं जो 45 से 50 डिग्री तापमान भी सहन कर सकें| उन्होंने वर्मी कंपोस्ट में केंचुए की स्पेशल जिना फिआटाइट के बारे में बताया जो गोबर खाद में मिलकर उनकी गुणवत्ता को तो बढ़ते ही हैं और कम खाद से ज्यादा खाद बनाने में भी सहायता करते हैं| आगे उन्होंने बताया कि किन्नू के सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के लिए नेहरू पानी का ही इस्तेमाल बेहतर रहता है और वर्मी वाश तकनीक का इस्तेमाल करके पौधों पर लगी हुई फंगस को भी दूर किया जा सकता है| मैडम ने विद्यार्थियों को यह जानकारी भी दी कि वह इस केंद्र से ट्रेनिंग लेकर अपने भविष्य में कृषि उत्पादन में गुणवत्ता को बढ़ाने और अपने आय के स्रोत को और मजबूत करने में भी भरपूर मदद ले सकते हैं क्योंकि गुणवत्ता के आधार पर ही फल में सब्जियों का बेहतर मूल्य बाजार से मिलने योग्य होता है| मैडम नहीं यह भी बताया कि केमिकल आधारित इंसेक्टिसाइड पेस्टिसाइड आदि के अधिकतर इस्तेमाल से मिट्टी की गुणवत्ता में भारी कमी देखने को मिलती है लेकिन वही अगर वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल किया जाए तो कम समय में मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है| इस विजिट के दौरान विद्यार्थियों ने अपनी विभिन्न शंकाओं को दूर किया|
कॉलेज प्रिंसिपल डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ठाकुर की ओर से सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन फ्रूट्स मंग्या ना का धन्यवाद किया गया| उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से वातावरण के संरक्षण प्रति यह प्रयास सराहनीय कदम है कि जिससे हमारी आज की युवा पीढ़ी यह सीख सके कि वातावरण के प्रति उनकी क्या जिम्मेदारियां हैं और कैसे वह अपने आने वाले जीवन में वातावरण को और सतत बनाने में मदद कर सकते हैं| इस आयोजन में इको क्लब इंचार्ज असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष बागला, फिजिकल एजुकेशन के असिस्टेंट प्रोफेसर जसप्रीत सिंह और कल 39 विद्यार्थियों ने भाग लिया| अंत में मिशन लाइफ के तहत प्रिंसिपल डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ठाकुर के अगुवाई में एक शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन भी किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने यह प्रतिज्ञा ली कि वह अपने जीवन में वातावरण के प्रति जागरूक रहने और जागरूक करने का हर संभव प्रयास करेंगे |

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