Home News Point फिल्मों की तरह नाटक का भी सीक्वल। सप्तक सांस्कृतिक संस्था और हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स रोहतक ने की पहल।

फिल्मों की तरह नाटक का भी सीक्वल। सप्तक सांस्कृतिक संस्था और हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स रोहतक ने की पहल।

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रोहतक 22 अगस्त। आप लोगों ने फिल्मों के तो सीक्वल तो देखे होंगे जैसे फुकरे 1, फुकरे 2, फुकरे 3 या गोलमाल1, गोलमाल 2, गोलमाल 3, गोलमाल 4 लेकिन क्या आपने सारे हिंदुस्तान में किसी नाटक का सीक्वल देखा है। ये शुरुआत की है रोहतक के वरिष्ठ रंगकर्मी विश्व दीपक त्रिखा ने। उन्होंने अपने विख्यात नाटक गधे की बरात की अपार सफलता के बाद उसका सीक्वल ” एक था गधा ऊर्फ अलादाद खान” के नाम से रंग जगत में पेश किया है। नाटक के लेखक हिंदुस्तान के विख्यात व्यंगकार शरद जोशी हैं जब की इसकी डिजाइनिंग एवं निर्माण किया है विश्व दीपक त्रिखा ने। नाटक को निर्देशित किया है उभरते रंगकर्मी शशांक साशा ने। नाटक का पहला मंचन पिछले दिनों ड्रामाटेरजी स्टूडियो दिल्ली में किया गया और दूसरा मंचन कल चाणक्यपुरी दिल्ली स्थित सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट के विशाल सभागार में उनके मेंबर्स के लिए किया गया। नाटक खत्म होने के पश्चात दर्शकों ने पूरे पंद्रह मिनट तक करतल ध्वनि से कलाकारों का मनोबल बढ़ाया।

नाटक में सत्ताधारी की मशहूर होने की भूख को दर्शाया गया है की किस तरह नेता लोग जनता को बेवकूफ बनाते रहते हैं नाटक में दिखाया गया है की किस तरह एक नवाब प्रजा में अपनी छवि बनाने के लिए किसी गरीब आदमी अलादाद के जनाजे को कंधा देने को तैयार हो जाता है उसे लगता है की ऐसा करने से जनता में उसकी छवि बनेगी, लेकिन बाद में पता चलता है की अलादाद एक आदमी न होकर के एक गधे का नाम है। अब भरी समस्या लेकिन इस समस्या का हल नवाब के चापलूस दरबारी ढूंढ ही लेते हैं। वे अलादाद खान एक आदमी को ढूंढ लेते हैं और उसकी कुर्बानी देकर नवाब की इज्जत को बचाया जाता है।

नाटक में नवाब की भूमिका अक्की सिंह ने निभाई जबकि कोतवाल बने नितिन कुमार त्यागी, चिंतक एक और चिंतक दो विकास शर्मा और सावंत मौर्य थे, दरबारी पुनीत खन्ना, जुग्गन रिंकू सिंह,देवीलाल पान वाला मोहित त्रिवेदी, नागरिक एक लक्षित जैन, नागरिक दो रौनक,सूत्रधार गौरव रावत, रामकली शैली बंसल तथा अलादाद एवं नथु दर्जी की दोहरी भूमिका शशांक ने खुद ही निभाई।


सभागार दिल्ली में रह रहे आई ए एस और आई पी एस अधिकारियों से भरा पड़ा था। अंत में हिमाचल प्रदेश के पूर्व डी जी पी सोमेश गोयल जो की मूल रूप से रोहतक के ही रहने वाले हैं, ने कलाकारों की भूरी भूरी प्रशंशा की और उनको पुष्प गुच्छ दे कर सम्मानित किया

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