गांव अबूबशहर के सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं कृष्ण कुमार कायत, शाम को निशुल्क कोचिंग क्लासिज लगाते हैं
उनके विद्यार्थी हर्ष पंवार केंद्रीय विद्यालय अरूणाचल में पीआरटी शिक्षक नियुक्त हैं, तो शंकर लाल केंद्रीय विद्यालय चेन्नई में पीआरटी शिक्षक हैं। बरखा हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल कार्यरत है तो वहीं प्रवीण बूमरा दिल्ली में स्पेशल एजुकेशन अध्यापक के रुप में कार्य देख रहे हैं। संजय कुमार, विक्रांत व रोहित बैंक में सेवारत हैं। रितु होठला हरियाणा में क्लर्क नियुक्त हुई है। अभिवंचित वर्ग के इन युवाओं की सफलता के पीछे हैं गुरुजी कृष्ण कुमार कायत। जो युवाओं को सपना देखने के लिए कहते हैं, फिर उसे सफलता की उड़ान देते हैं।
गांव अबूबशहर स्थित राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में कार्यरत कायत ने वर्ष 2016 से गरीब व अभिवंचित वर्ग के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए डबवालीी में नि:शुल्क कोचिंग सेंटर खोला था। चार साल में आठ युवाओं को सरकारी नौकरी में प्रवेश दिला चुके हैं।
वर्ष 2017 में गरीब विद्यार्थियों के पढऩे के लिए बाबा रामदेव मंदिर मंडी डबवाली में निशुल्क डॉ. बीआर आम्बेडकर लाइब्रेरी खोली थी। जहां पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए व साहित्यिक पुस्तकें रखी गई हैं। वर्ष 2019 में लाइब्रेरी व पुस्तकों से जोडऩे के लिए एक नया प्रकल्प लाइब्रेरी-आपके द्वार शुरू किया। रिक्शा पर चलती फिरती लाइब्रेरी बनाई गई है जिसे छुट्टी वाले दिन गरीब मोहल्ले में ले जाया जाता है और घर घर जाकर घरेलू महिलाओं व बच्चों को पुस्तकें वितरित की जाती हैं जिसे पढ़कर सप्ताह बाद लोग वे पुस्तकें वापिस लौटा देते हैं और नई पुस्तकें जारी करवा लेते हैं। इस नये प्रकल्प की पूरे प्रदेश में चर्चा व प्रशंसा हुई। मोबाइल लाइब्रेरी का उद्देश्य बच्चों, युवाओं में शिक्षा का क्रेज पैदा करके उन्हें स्कूल से जोडऩा था, जिसमें वे सफल साबित हुए।
हैफेड में मजदूरी करते थे गुरुजी
विज्ञान में रुचि रखने के बावजूद आर्थिक अभाव में स्थानीय राजकीय विद्यालय से आर्टस में 12वीं पास की लेकिन उसके बाद घरवालों ने आगे पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थता जताई तो एक प्राइवेट पेस्टीसाइड दुकान पर काम करना शुरू किया।
सेठ रूलदू राम ने बारहवीं में इतने अच्छे मार्क्स के साथ राजकीय विद्यालय में टाप में रहने पर जेबीटी करने के लिए प्रोत्साहित किया। जेबीटी करके तुरंत नौकरी मिलने की उम्मीद व आश्वासन के साथ परिवार ने सहयोग किया व लेकिन जेबीटी करने के बाद भी दो वर्ष तक बेरोजगारी के दौरान हैफेड में चौकीदारी, मजदूरी की और कुछ समय एक निजी विद्यालय में नौकरी की। जिंदगी में इतने कटु अनुभवों से समाज में अभिवंचित वर्ग के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला। तभी से पता चला कि गरीबों में प्रतिभा आर्थिक अभावों व सही मार्गदर्शन के अभाव में दब कर रह जाती है इसलिए शुरुआत में आंशिक रूप से अन्य लोगों के साथ मिलकर इस क्षेत्र में कार्य किया।
सामाजिक कुरीतियों पर चोट
कृष्ण कुमार कायत ने वर्ष 2002 में डबवाली में कुछ सहयोगी साथियों के साथ मिलकर संत कबीर सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के नाम से एक सामाजिक संस्था बनाई थी। जोकि गरीब लड़कियों के लिए नि:शुल्क सिलाई प्रशिक्षण केंद्र खोले गए तथा सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाए गए। इतिहास तथा राजनीति विज्ञान में एमए पास गुरुजी कलम के धनी है। वे सतरंगे जज्बात का सह संपादन कर चुके हैं। इसके अलावा वे हरियाणा शिक्षा विभाग में डीपीइपी के तहत पाठय पुस्तक निर्माण व वर्तमान में हरियाणा के स्कूलों में लागू इंग्लिश वर्क बुक में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
विशेष आभार:-DD GOYAL
Sanjiv shaad to the point ज़िन्दगी ज़िंदाबाद
सीमा शर्मा
October 8, 2020 at 2:09 pm
A wonderful definition of the real teacher itself
Doing great job sir
God bless you Krishan kayat ji??????????
Meenakshi Ahuja
October 8, 2020 at 2:38 pm
Great job,,, समाज को नया जज़्बा दिया है आपने। साधुवाद?
jaswinder kaur
October 9, 2020 at 12:10 pm
Great job??