Home News Point पत्रकार समाज के पहरेदार: परंजॉय गुहा ठाकुरता

पत्रकार समाज के पहरेदार: परंजॉय गुहा ठाकुरता

4 second read
0
0
52

 

छत्रपति सम्मान- 2024′ से अलंकृत हुए परंजॉय गुहा ठाकुरता


पत्रकार समाज के पहरेदार हैं। समाज में उपस्थित संकट के समय पत्रकार हर ज़ोखिम उठाकर देश, समाज को जागरूक करने में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं।’ ये शब्द अंतरराष्ट्रीय ख्यातिनाम वरिष्ठ पत्रकार एवं नामचीन अर्थशास्त्री परंजॉय गुहा ठाकुरता ने सिरसा के पंचायत भवन में ‘संवाद सिरसा’ द्वारा आयोजित ‘छत्रपति स्मृति समारोह’ के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में व्यक्त किए । ‘छत्रपति सम्मान 2024’ ग्रहण करने के उपरांत ‘भारतीय राजनीति, अर्थनीति और सोशल मीडिया’ विषय पर अपने व्याख्यान में ठाकुरता ने कहा कि पत्रकार को ‘वॉचडॉग’ कहा जाता है। वह ख़तरे की भनक लगते ही अपनी कलम की ताक़त से समाज को सतर्क एवं सचेत करता है। इस कार्य के दौरान उसे ज़ोखिम भी उठाना पड़े तो परवाह नहीं करनी चाहिए

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की शहादत इस मायने में पत्रकारिता के लिए देदीप्यमान उदाहरण है। उन्होंने ने देश की वर्तमान राजनीति में पैदा हो रही संवेदनहीनता, असहनशीलता को समाज के लिए घातक बताया। उन्होंने कहा कि समाज में सद्भाव और सौहार्द बनाए रखना राज्यतंत्र की ज़िम्मेदारी है। सरकारी एवं सामाजिक संसाधनों के बूते किसी व्यक्ति विशेष को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। परंजॉय गुहा ठाकुरता ने सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे तथ्यहीन, विषैले प्रचार से समाज को सतर्क रहने की सलाह दी।

कार्यक्रम में अंशुल छत्रपति ने 2002 में राम चंद्र छत्रपति की हत्या से लेकर अब तक की कानूनी प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। अंशुल छत्रपति ने वर्तमान में कानून-व्यवस्था के रवैये पर असंतोष ज़ाहिर करते हुए कहा कि हम पीड़ित हैं। हमारे पक्ष को गम्भीरता से हैंडल नहीं किया जा रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि-कथाकार हरभगवान चावला ने कहा कि वर्तमान दौर में अभिव्यक्ति की आज़ादी का स्पेस कमतर होता जा रहा है। ऐसे दौर में रामचंद्र छत्रपति की शहादत को याद करना मानीखेज़ है।


कार्यक्रम में संस्था की ओर से सुरजीत सिरड़ी ने सभी अतिथियों एवं उपस्थित श्रोताओं का स्वागत किया। वीरेंदर भाटिया ने परंजॉय गुहा ठाकुरता का परिचय दिया। सुशील पुरी ने प्रशस्तिपत्र का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन डा.हरविंदर सिंह ने किया। संस्था के संयोजक परमानन्द शास्त्री ने अतिथिगण एवं सभी उपस्थितजन के प्रति आभार व्यक्त किया।
समारोह में ‘संवाद सिरसा’ की ओर से अंशुल छत्रपति की धर्मपत्नी नवनीत छत्रपति को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान लखविंदर सिंह बाजवा की पुस्तक ‘गमले दा बूटा, सुरजीत सिरड़ी के काव्य-संग्रह ‘ मिट्टी करे सवाल’ तथा हरभगवान चावला के काव्यसंग्रह ‘कुंभ में छूटी औरतें’ का पंजाबी अनुवाद ‘कुंभ च छुटियां औरतां’ तथा हरभगवान चावला के कहानी संग्रह ‘बाँसुरी तथा अन्य कहानियाँ’ एवं लघुकथा संग्रह ‘सबसे ऊँची ज़मीन’ का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर डा. हरविंदर सिंह, वीर सिंह भरोखाँ, राज रानी द्वारा इस्राइल-फिलस्तीन, रूस-यूक्रेन युद्ध को तुरंत रोकने, मणिपुर में शांति बहाल, एफस्पा को तुरंत हटाने तथा नई शिक्षा नीति को जनविरोधी मानते हुए इसे तुरंत रद्द करने के लिए प्रस्ताव रखे गए जिन्हें सभा सर्वसम्मति से पारित किया गया। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार भूपिंदर पन्नीवालिया, गुरजीत मान, नवदीप सेतिया, विजय जसूजा, विकास तनेजा, सुरिंदरपाल सिंह साथी, प्रभु दयाल, अरिदमन छत्रपति, का.स्वर्ण सिंह विर्क, अनीश कुमार, कुलवंत सिंह, डॉ हररत्न गांधी, राज कुमार शेखूपरिया, बूटा सिंह, सुनील यादव, मुलख सिंह, सत्यपाल सिवाच, सोहन सिंह रंधावा, महेंद्र शर्मा, एडवोकेट बलवीर गाँधी, छिन्दर कौर, डा. हरविंदर कौर, प्रो. यशिन्द्र कौर औलख, हीरा सिंह, कुलदीप सिंह, प्रो राजेश कासनिया, प्रो प्रशांत, प्रो. राजेंद्र भंवरिया, डा. के के डूडी, डा. निर्मल सिंह, डा. विक्रम बंसल, चिरंजी लाल, बिट्टू मलिकपुरा, प्रदीप सचदेवा, रमेश शास्त्री, देवेंद्र सिंह, सुखदेव सिंह ढोट, हरीश सेठी झिलमिल, विनोद दड़बी, विशाल वत्स, गुरमीत सिंह मोरीवाला, भाई कन्हैया ट्रस्ट के संरक्षक गुरविंदर सिंह, डा.रामेश्वर दास सहित सैंकड़ों गणमान्य नागरिकों ने अपनी उपस्थित दर्ज़ करवाई। इस अवसर पर भूपिंदर पन्नीवालिया, अनिल कुमार, अजय कुमार तथा वकील रोड़ी द्वारा लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी सभी आगंतुकों के आकर्षण के केंद्र रही। लोगों ने साहित्य संबंधी पुस्तकें खरीदने में खूब रुचि दिखाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

डबवाली उपमंडल के गांव मसीता के शिक्षक व साहित्यकार डॉ. दिलबागसिंह विर्क हुए जयपुर सम्मान से सम्मानित

  जयपुर साहित्य संगीति की ओर से एसएफएस, अग्रवाल फार्म के सामुदायिक केंद्र में जयपुर स…