भारत सरकार जलशक्ति मन्त्रालय द्वारा सम्मानित जल रक्षक, वाटर हीरो व जल प्रहरी जल स्टार रमेश गोयल ने राजकीय महिला बहुतकनीकी संस्थान सिरसा में जल संरक्षण पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनेक कारणों से प्रदूषण व तापमान बढ़ रहा है। जलवायू परिर्वतन के कारण वर्षा कम हो रही है जिससे नदियों में जल घटता जा रहा है। नदियों में पानी की कमी के कारण भूजल दोहन बढ़ रहा है जिससे भूजल स्तर 500 फूट तक नीचे चला गया है। उन्होंने कहा कि पानी किसी मिल या फैक्ट्री में नहीं बनाया जा सकता। सरकार एक स्थान से दूसरे स्थान पर पानी टैंकरों से पहुंचा कर आपूर्ति का प्रयास कर रही है परन्तु कब तक। जब तक हम पानी को बर्बाद करना बन्द नहीं करेंगे तथा बचत करने की आदत नहीं बनायेंगे यह स्थिति गम्भीर होती जायेगी। उन्होंने कहा कि यह चिन्तनीय है कि लोग पानी की बढ़ती कमी के बावजूद भी छिड़काव करना, पाईप लगाकर फर्श व गाड़ी धोना या टूंटंी खुल्ली चलाये रखना बन्द नहीं कर रहे हैं जबकि प्रतिदिन समाचार पत्रों व टीवी पर भी जल की कमी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत के डे जीरो 21 शहरों की सूचि में बैगलौर शीर्ष पर है। डे जीरो शहर यानि टूंटियों में पानी आना बन्द हो जाये और लोग पानी लेने के लिए लाईन में लगे हों तथा निश्चित अवधि के बाद निश्चित मात्रा में पानी प्राप्त हो यानी पानी पर राशन प्रणाली लागु हो जाये। मार्च 2024 में बैंगलोर में सर्वाधिक भयानक स्थिति हो गई है। पानी की बर्बादी के कारण ही दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन में 12 अप्रैल 2018 से पानी राशन में मिल रहा है और वहां की सारी जल सम्बन्धी व्यवस्था सेना के सुपुर्द की दी गई है। अप्रैल 2023 से राशन में मिल रहे पानी की मात्रा कम कर दी गई थी।
उन्होंने छोटी सी चिंगारी, एक सैंकिड के समय आदि के उदाहरण से जीवन में छोटी छोटी बातों के बड़े महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को जीवन में सफलता के उपाय बताए। हम पानी कैसे बर्बाद करते हैं छोटे छोटे उदाहरणों से बताते हुए उन्होंने भविष्य में टुंटी खुल्ली न छोड़ने के साथ साथ जल बचत के अनेक उपाय बताए। उन्होंने वर्षा जल संग्रहण के प्रमुख उपायों पर चर्चा करते हुए कहा कि हर परिवार तेज वर्षा के समय बड़े मूंह के बर्तन टब, बाल्टी आदि खुल्ले स्थान पर रख दें तो उसमें जो पानी एकत्रित होगा समझों उसका हमने निर्माण कर लिया क्योंकि पानी किसी मिल या फैक्ट्री में नहीं बनाया जा सकता। इससे हमारे प्रधान मन्त्री जी के नारे ‘‘वर्षा जल, जहां गिरे जब भी गिरे, संग्रहित करें‘‘ को भी सार्थकता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि भारत विकास परिषद् के पूर्व राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण एवं पर्यावरण प्रेरणा के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष निरन्तर जल सम्बन्धी कमी व बचत के उपायों को समर्पित जल स्टार रमेश गोयल गत 16 वर्षों से जन जागरण में लगे हुए हैं।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य श्री हरजिन्द्र सिंह ने श्री गोयल का अभिनन्दन किया और श्री हितेश कुमार ने आभार व्यक्त किया। श्री सौरभ कुमार, श्रीमती भावना, श्रीमती वीना व सुश्री इन्दु सहित अनेक शिक्षाविद् कार्यक्रम में मौजूद थे।