राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा में शहीदी दिवस पर हुई विचार-गोष्ठी
सिरसा: 23 मार्च:
शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सरीखे क्रांतिवीरों से प्रेरणा लें युवा तो तभी सही मायनों में उनके सपनों का भारत सर्जन करने में हम सफल हो सकते हैं यह विचार महाविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ के के डूडी ने शहीदी दिवस पर आयोजित विचार-गोष्ठी स्वतंत्रता संग्राम में शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की भूमिकाविषय पर मुख्यवक्ता के तौर पर बोलते हुए कहे।यह आयोजन आजादी का अमृत महोत्सवकी श्रंखला में राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा की इतिहास विषय परिषद के तत्वावधान में किया गया।
यह जानकारी देते हुए महाविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डा. हरविंदर सिंह ने बताया कि विचार-गोष्ठी में मुख्य-वक्ता के तौर पर इतिहास विभागाध्यक्ष एवं सांस्कृतिक समिति संयोजक डा. के के डूडी ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव के योगदान के बारे में विस्तार से अवगत करवाते हुए,तीनों शहीदों के जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाते हुए देशहित में उनके बलिदान को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि समतापरक समाज के पक्षधर इन क्रांतिवीरों को अपना जीवन-आदर्श स्वीकार करते हुए हर नागरिक को इनके जीवन-दर्शन से प्रेरणा हासिल करनी चाहिए।डॉ डूडी ने आगे कहा कि भगत सिंह, शिवराम हरि राजगुरु व सुखदेव में हमेशा इस बात की होड़ लगी रहती थी कि पहली गोली चलाने का अवसर उसे ही मिले और इस काम में सबसे ज्यादा राजगुरु आगे रहते थे।डॉ डूडी ने युवा क्रांतिकारी शहीद सूर्यसेन का आज जन्मदिन होने पर उन्हें याद करते हुए कहा कि संसाधनों के अभाव में आज़ादी की जंग कैसे लड़ी जा सकती हैं ये युवा क्रांतिकारियों को सूर्यसेन ने सिखाया।
इस गोष्ठी में मुख्यातिथि के तौर पर आए हरियाणा बीज विकास निगम के सेवानिवृत्त अधिकारी व सेवा भारती हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सी.बी.कौशिक ने आपके सम्बोधन में तीनों क्रांतिवीरों का संक्षिप्त जीवन परिचय से अवगत कराया। विचार-गोष्ठी में अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा ने कहा कि हर नागरिक विशेषतः युवा वर्ग को इन क्रांतिवीरों की आत्मकथाओं का गहन अध्ययन-मनन करते हुए इनके जीवनदर्शन को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने इनके त्याग और बलिदान को अद्वितीय बताते हुए इनके व्यक्तित्व एवं विचारधारा को वर्तमान परिवेश में और भी प्रासंगिक एवं अनुकरणीय बताया। विचार-गोष्ठी में छात्राओं साक्षी, पुष्पा व सुनीता ने भी इन क्रांतिवीरों की शहादत को नमन करते हुए इनकी विचारधारा को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरक बताया। इस विचार-गोष्ठी के आयोजन में इतिहास विषय परिषद की अध्यक्ष प्रगति, सचिव रेखा, सहसचिव नगमा के साथ साथ कार्यकारिणी सदस्यों पूजा, रोशनी, प्रमोद, किरण व सुनीता ने महत्वपूर्ण ज़िम्मेवारी का निर्वहन किया। विचार-गोष्ठी का संचालन करते हुए इतिहास विषय परिषद के संयोजक प्रो. विक्रमजीत सिंह ने भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के जीवन से संबंधित विभिन्न वृतांतों से अवगत करवाते हुए उनके जीवन मूल्यों की वर्तमान प्रासंगिकता को भी स्पष्ट किया। इस अवसर पर प्रो. यशपाल रोज, डा. हरविंदर सिंह, डा. दलजीत सिंह, डा. रुपिंदर कौर, डा. रमनदीप, प्रो. शिवानी, प्रो. मुकेश सुथार, डा. मनीषा गर्ग, प्रो, सविता दहिया, प्रो. निर्मला, प्रो. कपिल कुमार सैनी, प्रो. किरण, पूजा सचदेवा, अंकुश मेहता, ललित कुमार, सुमित कुमार इत्यादि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई।विचार-गोष्ठी के अंत मे शहिदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रख कर समापन किया गया।