Home Shaad, Pen वक्त का मिजाज एक सा नही होता…

वक्त का मिजाज एक सा नही होता…

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यह सही है कि आने वाले वक्त की सूरत अनजान होती है, लेकिन हमारे अपने खयाल उस वक्त को शक्ल दे रहे होते हैं। हम भविष्य के प्रति इतना सोचते हैं कि पूरी एक कहानी ही गढ़ लेते हैं। आने वाले वक्त में वैसा होगा या नहीं, पता नहीं, पर भविष्य में झांकने की हमारी तैयारी ऐसी ही होती है। आने वाले समय को लेकर पूरी एक पटकथा ही लिख देते हैं हम। उसकी पूरी सूरत एक रूपक के रूप में तैयार करते हैं कि भविष्य ऐसा हो सकता है।
खयालों में ताकत तो होती है, लेकिन याद रखिए ये ही विचार यदि व्यवस्थित नहीं हैं, एक-दूसरे से बहुत अधिक टकरा रहे हैं, तूफान की तरह भीतर मचल रहे हैं तो फिर आप भविष्य की असली तस्वीर नहीं देख पाएंगे। शास्त्रों में कहा गया है भविष्य में सिर्फ योगी ही झांक सकता है और जन्म से ही एक योगी परमात्मा ने सबके भीतर दे रखा है। तो योग करने का एक फायदा है कि आने वाली घटनाओं के प्रति आपके भीतर एक जागृति सी आने लगती है। 
महसूस होने लगता है कि ऐसा हो सकता है या होने वाला है। फिर आप भविष्य के प्रति सजग हो जाते हैं। अनुचित के प्रति सावधान, उचित के प्रति सक्रिय हो जाते हैं। विवेक-बुद्धि प्रखर हो जाती है। तो योग का संबंध केवल स्वास्थ्य से नहीं होकर आपकी दूरदर्शिता से है, आपके होश से, आपकी जागृति से है। हमारा वर्तमान सक्रियता से चलता है और भविष्य जागृति से सुरक्षित होता है। योग के माध्यम से इन दोनों को ही संवारने का प्रयास करते रहिए।

2 Comments

  1. Dr Shubham Tanwar

    November 23, 2020 at 2:43 am

    Very nice thought shaad Saab

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  2. jaswinder kaur

    November 23, 2020 at 4:25 pm

    yes you are Absolutely right sir ??

    Reply

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