दिल्ली से दक्षिण तक बोलते जिसके पोस्टर
कार्टून ऐसे जो देख, भर आएं आपकी आँखे
दिल्ली की सरहदों पर पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से डटे किसानों को यहाँ बहुत से समाज के वर्गों व पेशे से वकील से लेकर गायकों व अदाकारों ने भी अपना समर्थन दिया है उसी बीच सूक्ष्म कलाओं के माहिरों ने भी अपनी कला के माध्यम से अपनी हाज़िरी लगवाई है और अपनी पेंटिंग, ड्राइंग के साथ किसानो की आवाज को बुलंदी दी। इस दौरान एक नाम जो सर्वाधिक चर्चा में है तथा जिसके पोस्टर, कार्टून दिल्ली की हद से लेकिन दक्षिण भारत के प्रदर्शनों में भी जन-जीवन की आवाज़ बन रहे हैं,
वो नाम है बठिंडा शहर के नामचीन अंत्र- राष्ट्रीय कलाकार पेंटर आर्टिस्ट गुरप्रीत का। उनसे जब बात की गई तो वो बोले, “कला की अपनी एक भाषा होती है जिसे हर बोली, सांस्कृति के लोग सरलता से समझ सकते है इसी लिए मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है कि अपनी कला व पेंटिंग के माध्यम से लोगों की आवाज़ बन सकूँ तथा लोग संघर्ष को रंगो व ड्राइंग के साथ रूपमान कर पाऊं।
गौरतलब है कि गुरप्रीत आर्टिस्ट दिल्ली के सिंघु व टिकरी बार्डर पर जारी किसान आंदोलन में अपनी कला की प्रदर्शनी लगाने के बाद अपने शहर बठिंडा व् अन्य कई जगहों पर भी अपने शानदार आर्ट वर्क की प्रदर्शनी लगा चुके हैं। ललित कला अकादमी स्टेट आवार्ड के साथ सम्मानित आर्टिस्ट गुरप्रीत ने बताया कि उन्होंने अपनी पेंटिंग्स व कार्टून के माध्यम से किसानी आंदोलन के दर्द, जनून व हकीकत को दर्शाने की कोशिश की है जिसे भरपूर प्रशंसा मिल रही है। हालाकिं यह कोई पहली बार नहीं है और इससे पहले भी जब जब लोग आंदोलन छिड़े तो उन्होंने लोग संघर्ष की दास्ताँ, भ्रष्टाचार, कोरोनाकाल, को भी रंगो के साथ कैनवस पर उतारा और यह जज़्बा उनकी स्टूडेंट लाइफ से लगातार जारी है।
विदेशों में कला प्रदर्शनी लगा चुके इस आर्टिस्ट ने बताया कि दिल्ली में उनके 40 आर्टवर्क की प्रदर्शनी वैसे ही जारी है, इसके इलावा उन्हें देखने को मिला कि देश भर के विभिन्न कोनो में यहाँ तक कि दक्षिण भारत में भी बहुत से लोगों ने उनके द्वारा तैयार किए आर्ट वर्क के डिजिटल रूप से प्रिंट निकलवा कर उनकी प्रस्तुति की व अपने संघर्ष को आवाज़ दी, जो उन्हें टेलीविज़न व मीडिया के अन्य रूप से पता चल रहा है। इतना ही नहीं उनके साथ इंटरविऊ करने के लिए भी पंजाबी, हिंदी के इलावा और बहुत सी भाषाओं एवं विदेशी मिडिया भी संपर्क करता है। इसी बात व अपनी कला को मिल रही असीमित प्रशंसा, कामयाबी को ही गुरप्रीत ने अपने जीवन का असल सम्मान व सबसे बड़ा पुरस्कार बताया।
:जसप्रीत सिंह (बठिंडा)
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09988646091
रंग हमेशा सलामत रहे हम रंगों से परिचित होते रहे क्योकि “तितली तेरे ख्बाव की मेने दबोच ली हज़ारों रंग कायनात के मुठ्ठी में आ गए….”ज़िन्दगी ज़िंदाबाद to the point shaad
ਸੁਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਸਿਰੜੀ
February 10, 2021 at 2:15 am
ਰੰਗਾਂ ਰਾਹੀਂ ਲੋਕ ਵੇਦਨਾ ਦੀ ਬਾਤ ਪਾਉਣੀ ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਦੇ ਹਿੱਸੇ ਵਿੱਚ ਆਈ ਹੈ ; ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਕਾਰਜ ਕਰ ਰਹੇ ਨੇ ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ
ਧੰਨਵਾਦ ਸੰਜੀਵ ਸ਼ਾਦ
Meenakshi Ahuja
February 10, 2021 at 5:35 am
वाह कलाकार की कला को सलाम