प्रतिरोध पाश-काव्य का प्रतिनिधि स्वर: डा. हरविंदर सिंह
जीसीडब्ल्यू सिरसा में जनकवि पाश के जन्मदिन पर हुई विचार-गोष्ठी व कविता पाठ प्रतियोगिता
कविता पाठ प्रतियोगिता के आधार पर हुआ पंजाबी साहित सभा का गठन सिमरन अध्यक्ष व मुस्कान सचिव निर्वाचित
सिरसा: 9 सितंबर:
विद्रोह, प्रतिरोध का स्वर पाश-काव्य का प्रतिनिधि स्वर है। इस स्वर और इसके विलक्षण काव्य-सौंदर्य बोध ने पाश-काव्य को विलक्षण एवं विराट आयाम प्रदान किए हैं। यह विचार अंतरराष्ट्रीय ख्यातिनाम जनकवि पाश के जन्मदिवस पर राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा में आयोजित विचार गोष्ठी एवं कविता पाठ प्रतियोगिता में पंजाबी विभागाध्यक्ष डा. हरविंदर सिंह ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आमजन को ज़ुबाँ प्रदान करने वाले पाश-काव्य से पंजाबी कविता को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली है।
पाश के जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कविता दिवस के रूप में मनाया जाना अपने आप में महत्वपूर्ण है। प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में पाश की कविताओं पर आधारित कविता पाठ प्रतियोगिता के आधार पर सत्र 2022 -23 के लिए पंजाबी विषय से संबंधित पंजाबी साहित सभा का गठन किया गया। कविता पाठ प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने पाश रचित विभिन्न कविताओं की भावपूर्ण एवं ख़ूबसूरत प्रस्तुति दी। इस अवसर पर डा. दलजीत सिंह, डा. रुपिंदर कौर व प्रो. कपिल कुमार सैनी ने निर्णायकमंडल की भूमिका का निर्वहन किया। इस कविता पाठ प्रतियोगिता के आधार सत्र 2022 -23 के लिए पंजाबी विषय से संबंधित पंजाबी साहित सभा का बीए तृतीय वर्ष की छात्रा सिमरन को अध्यक्ष, बीएससी द्वितीय वर्ष की सुनीता को उपाध्यक्ष, बीए द्वितीय वर्ष की मुस्कान को सचिव, बीए प्रथम वर्ष की मुस्कान को सह-सचिव, बीए द्वितीय वर्ष की सिमरन वित्त-सचिव व बीए द्वितीय वर्ष की अमनदीप को संगठन सचिव चुना गया। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा ने उपस्थितजन का आह्वान किया कि वह पाश सरीखे कवियों-चिंतकों का गहन अध्ययन करते हुए अपने जीवन अनुभव को व्यापक बनाएं। उन्होंने नवगठित पदाधिकारियों को मुबारकबाद प्रदान करते हुए उन्हें पंजाबी भाषा एवं पंजाबी साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु यथा-संभव प्रयास करने व विभिन्न गतिविधियों के आयोजन हेतु प्रेरित किया।
ਸਰਕਾਰੀ ਮਹਿਲਾ ਮਹਾਵਿਦਿਆਲਾ, ਸਿਰਸਾ
ਖੇਤਾਂ ਦੇ ਪੁੱਤ ਯੁੱਗ ਕਵੀ ਪਾਸ਼
ਦੇ ਜਨਮ-ਦਿਹਾੜੇ (9 ਸਤੰਬਰ) ਮੌਕੇ
ਵਿਚਾਰ-ਗੋਸ਼ਠੀ ਅਤੇ ਕਵਿਤਾ ਪਾਠ ਪ੍ਰਤੀਯੋਗਿਤਾ
ਪਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਉਪਰ ਅਧਾਰਿਤ ਕਵਿਤਾ ਪਾਠ ਪ੍ਰਤੀਯੋਗਿਤਾ
ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ
ਸੈਸ਼ਨ 2022-23 ਲਈ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਸ਼ੇ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਤ
ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ ਸਭਾ ਦਾ ਗਠਨ
ਸਰਪ੍ਰਸਤ:
ਪ੍ਰੋ. ਰਾਮ ਕੁਮਾਰ ਜਾਂਗੜਾ, ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ
ਸੰਯੋਜਕ:
ਡਾ. ਹਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ, ਐਸੋਸੀਏਟ ਪ੍ਰੋਫੈਸਰ, ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਭਾਗ
ਪ੍ਰਧਾਨ: ਸਿਮਰਨ, ਬੀਏ ਤੀਸਰਾ ਸਾਲ, 378
ਮੀਤ-ਪ੍ਰਧਾਨ: ਸੁਨੀਤਾ, ਬੀਐਸਸੀ ਦੂਸਰਾ ਸਾਲ, 98
ਸਕੱਤਰ: ਮੁਸਕਾਨ, ਬੀਏ ਦੂਸਰਾ ਵਰ੍ਹਾ, 336
ਸਹਿ-ਸਕੱਤਰ: ਮੁਸਕਾਨ, ਬੀਏ ਪਹਿਲਾ ਸਾਲ, 216
ਵਿੱਤ-ਸਕੱਤਰ: ਸਿਮਰਨ, ਬੀਏ ਦੂਸਰਾ ਸਾਲ, 289
ਸੰਗਠਨ ਸਕੱਤਰ: ਅਮਨਦੀਪ, ਬੀਏ ਪਹਿਲਾ ਸਾਲ, 235