चंडीगढ़ की रात…आज रात के भोजन के बादसड़क किनारे टहलते हुएपास से गुजरती तेज गाड़िया की तेज लाइटचोंक पे लाल बत्तीतेज चलती सब की जिंदगी को शायदकम ही बर्दास्त होती हैऔरहरी बत्तीसब को पसन्दफिर रफ़्तार और हॉर्न की पो पोफुटपाथ पे रुके हुए मेरे पैरलाल और रंग में उलझ गएफिर सोचा होटल तो अपनी जगह पे ही स्थिर है और …